निठारी कांड: भारत के सबसे भयावह सीरियल मर्डर केस की सच्चाई


लेखक: अपराध जगत टीम
श्रेणी: भारत के कुख्यात अपराध | तारीख: 26 जून 2025


परिचय

भारत में अपराधों की लम्बी फेहरिस्त है, लेकिन कुछ केस इतने भयानक होते हैं कि वे पूरे देश को झकझोर कर रख देते हैं। निठारी कांड ऐसा ही एक मामला था, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। बच्चों के गायब होने से शुरू हुई यह कहानी, सीरियल किलिंग, यौन शोषण और नरभक्षण तक पहुँच गई।


क्या था निठारी कांड?

निठारी कांड उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-31 स्थित निठारी गाँव में सामने आया। यह मामला 2005 से 2006 के बीच घटित हुआ। इस केस में 16 से अधिक बच्चों और महिलाओं की हत्या, यौन शोषण और शवों को टुकड़ों में काटने की घटनाएं उजागर हुईं।


मुख्य आरोपी

  1. सुरेंद्र कोली – एक नौकर, जो मुख्य रूप से इन जघन्य अपराधों का दोषी पाया गया। उस पर कई बच्चों का अपहरण, बलात्कार और हत्या का आरोप सिद्ध हुआ।
  2. मोनिंदर सिंह पंधेर – एक बिज़नेसमैन और कोली का मालिक। शुरुआत में आरोपों से बचा रहा, लेकिन बाद में कुछ मामलों में उसे भी दोषी ठहराया गया।

कैसे हुआ खुलासा?

2006 के अंत में स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि उनके बच्चे लगातार लापता हो रहे हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। जब दबाव बढ़ा, तब पुलिस ने पंधेर के घर की तलाशी ली, जहाँ से कई बच्चों की हड्डियाँ, कपड़े और सिर बरामद किए गए। यह नज़ारा इतना भयावह था कि जांच अधिकारी भी स्तब्ध रह गए।


जांच और कानूनी कार्यवाही

  • CBI ने इस मामले की जांच की और 16 मामलों में चार्जशीट दायर की।
  • सुरेंद्र कोली को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई।
  • मोनिंदर सिंह को भी कुछ मामलों में सजा मिली, हालांकि उसे कई बार बरी भी किया गया।
  • कई अपीलों और पुनरीक्षण याचिकाओं के बाद भी कोली की सजा बरकरार रही।

निठारी कांड से उठे सवाल

  • क्या पुलिस की लापरवाही ने इन हत्याओं को बढ़ावा दिया?
  • क्या गरीब और लापता बच्चों की शिकायतें अक्सर नजरअंदाज की जाती हैं?
  • कैसे समाज ऐसे अपराधियों को समय रहते पहचान नहीं पाता?

निष्कर्ष

निठारी कांड केवल एक अपराध की कहानी नहीं है, यह भारत की न्याय व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और समाज के प्रति एक चेतावनी है। यह घटना आज भी एक ऐसा काला अध्याय है जिसे भुलाया नहीं जा सकता।


क्या आप इस पर विश्वास कर पाए?

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